B.A. Sanskrit वेद उपनिषद् तथा भारतीय दर्शन Sample Paper 1 (Sanskrit)

वेद उपनिषद् तथा भारतीय दर्शन

Max Marks: 30

Note: The Question paper is divided into three sections A, B, and C. Write Answer as per the given instruction.

यह प्रश्न पत्र ‘A’,’B’ और ‘C’ तीन खण्डों में विभाजित है| प्रत्येक खण्ड के निर्देशानुसार प्रश्नों का उत्तर दीजिए|

Section-A

(Very Short Answer Type Questions) – अति लघु ऊत्तर वाले प्रश्न (अनिवार्य)

Note: Answer all questions. As per the nature of the question you delimit your answer in one word, one sentence or maximum up to 30 words. Each question carries 1 mark. 6×1=06

नोट: सभी प्रश्नों का उत्तर दीजिए| आप अपने उत्तर को प्रश्नानुसार एक शब्द , एक वाक्य या अधिकतम 30 शब्दों में परिसीमित कीजिये| प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है|                                             6×1=06

  1. ब्रह्मसूत्र के प्रणेता कौन है ?
  2. न्याय दर्शन के अनुसार प्रमाण को लिखिए ?
  3. चार्वाक दर्शन ने कितने महाभूतों को माना है ?
  4. साख्य दर्शन में कितने तत्त्व स्वीकार किए गये है ?
  5. कठोपनिषद् किस वेद की किस शाखा में वर्णित है ?
  6. योग दर्शन के अनुसार ईश्वर की परिभाषा लिखिए ?

Section-B

(Short Answer Questions) – लघु उत्तर वाले प्रश्न

Note: Answer any four questions. Each answer should not exceed 100 words. Each question carries 3 marks.4×3=12

नोट: निम्नलिखित में से किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दीजिए| आप अपने उत्तर को अधिकतम 100 शब्दों में परिसीमित कीजिये| प्रत्येक प्रश्न 3 अंकों का है|

  1. 2.सांख्य दर्शन के अनुसार सत्कार्यवास का वर्णन किजिए ?
  2. लौकिक सूक्तो के वर्ण्य विषय को लिखिये ?
  3. अथ त्रिविधदुःखात्यन्तनिवृत्तिरत्यन्तपुरुषार्थः की व्याख्या कीजिए?
  4. वेदान्तसार के अनुसार अधिकारी का लक्षण बताइये ?
  5. 6.न्याय दर्शन के अनुसार अनुमान प्रमाण का वर्णन किजिए ?

Section ‘C’

(Long Answer Questions) – (दीर्घ उत्तर वाले  प्रश्न)

Note: Answer any two questions. You have to delimit your each answer maximum up to 400 words. Each question carries 06 marks.

नोट : निम्नलिखित में से किन्हीं 02 प्रश्नों का उत्तर दीजिए|आपको अपने प्रत्येक उत्तर को अधिकतम 400 शब्दों में परिसीमित करना है| प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का है|2×6=12

  1. भारतीय दर्शनों में ईश्वर स्वरुप का प्रतिपादन किजिए
  2. ‘ब्रह्मसत्यं जगन्मिथ्या’’ पङ्क्ति की व्याख्या किजिए ।
  3. प्रतीत्यसमुत्पाद से आप क्या समझते हैं । लिखिए ।
  4. संज्ञान व हिरण्यगर्भ सूक्त का सारांश लिखिए ।

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